बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-3 इतिहास बीए सेमेस्टर-3 इतिहाससरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-3 इतिहास
प्रश्न- फ्रांसीसियों के भारत आगमन एवं भारत में फ्रांसीसी शक्ति के विस्तार को समझाइए।
उत्तर -
फ्रांसीसियों का भारत आगमन
16वीं, 17वीं सदी में यूरोपीय देशों के मध्य पूरबी देशों में व्यापारिक बस्तियाँ स्थापित करने की होड़ सी लग गयी थी। इस होड़ में शामिल होने से 'फ्रांस' मी स्वयं को रोक नहीं पाया। पूर्वी देशों में स्थायित्व व विस्तार स्थापित करने हेतु भारत में व्यापारिक व सामरिक प्रभुत्व स्थापित करना अति महत्वपूर्ण था। अतः फ्रांसीसियों का भी भारत की ओर रुख करना अवश्यंभावी हो गया।
फ्रांसीसियों के भारत आगमन और भारत में फ्रांसीसी शक्ति के विस्तार को निम्नांकित शीर्षकों के अन्तर्गत भली प्रकार समझा जा सकता है -
भारत में आने वाली यूरोपीय शक्तियों में फ्रांसीसियों का क्रम अन्तिम था। यद्यपि 1611 ई. में फ्रांसीसियों की पहली कम्पनी स्थापित हुई थी तथा इसका एकमात्र उद्देश्य 'मेडागास्कर' में उपनिवेश स्थापित करना था, परन्तु कई कारणों से वह कम्पनी सफल न हो सकी। अन्त में फ्रांसीसी सम्राट लुई 14- वें के मन्त्री कोलवर्ट के अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप 1664 ई. में फ्रांसीसी ईस्ट इण्डिया कम्पनी की स्थापना की गयी। इस कम्पनी पर फ्रांसीसी सरकार का पूर्ण नियंत्रण था। 1667 ई. में फ्रांसिस केरन की अध्यक्षता में एक अभियान दल भारत पहुँचने में सफल रहा। 1668 ई. में इस अभियान दल ने सूरत में अपना पहला कारखाना स्थापित किया। 1669 ई. में फ्रांसीसियों ने भारत के पूर्वी तट पर स्थित मसौली पट्टम नामक स्थान पर एक फैक्टरी लगायी और फ्रांसिस मार्टिन को भारत में स्थित सूरत व मसौली पट्टनम नामक बस्तियों का अध्यक्ष बना दिया।
भारत में फ्रांसीसी शक्ति का विस्तार - भारत में फ्रांसीसी शक्ति का विस्तार फ्रांसिस मार्टिन के कार्यभार ग्रहण करते ही प्रारम्भ हो गया। उसने पद संभालते ही फ्रांसीसी शक्ति का प्रसार प्रारम्भ कर दिया। फ्रांसिस मार्टिन के नेतृत्व में फ्रांसीसियों ने तंजौर के शासक से मद्रास से लगभग 15 मील दक्षिण में स्थित एक स्थान प्राप्त किया और 1679 ई. में वहाँ 'पाण्डिचेरी' की स्थापना की, जो शीघ्र ही भारत में फ्रांसीसियों की बस्तियों का केन्द्र बन गया। अतः फ्रांसिस मार्टिन भारत में फ्रांसीसी बस्तियों का संस्थापक माना जा सकता है। इसी प्रकार बंगाल में भी फ्रांसीसियों ने मुगल गवर्नर 'शाइस्ता खाँ' से भूमि प्राप्त करके 1690-92 ई. में चन्द्रनगर की प्रसिद्ध बस्ती की स्थापना की। इसी बीच डचों एवं फ्रांसीसियों के मध्य संघर्ष आरम्भ हो गया। अतः 1593 ई. में पाण्डिचेरी पर डचों ने अधिकार कर लिया। इस बस्ती पर 5 वर्षों तक डचों का अधिकार रहा तथा 'सन् 1697 ई. में 'रिजविक की सन्धि' के तहत 'पाण्डिचेरी पुनः फ्रांसीसियों को प्राप्त हो गयी।
मार्टिन को पुनः इस बस्ती का गवर्नर बनाया गया और 1706 ई. में मृत्यु तक मार्टिन ने. पाण्डिचेरी को अत्यधिक शक्तिशाली व समृद्धशाली बना दिया और इस मामले में कलकत्ता भी उससे काफी पीछे रह गया। 1706 ई. से 1720 ई. तक लगभग 14 वर्ष तक फ्रांसीसी कम्पनी भारत में अधिक सफल नहीं रही। परन्तु 1720 ई. के पश्चात् फ्रांसीसी कम्पनी ने पुनः प्रगति प्रारम्भ की। 1720 ई. से 1742 ई. तक 'पाण्डिचेरी' के नये गवर्नर 'लिनायर' और 'ड्यूमा' के नेतृत्व में फ्रांसीसी कम्पनी ने विशेष उन्नति की। इस काल में फ्रांसीसी कम्पनियों ने मालावार के तट पर माही, कारोमण्डल तट पर धारीकल में अपनी बस्तियाँ स्थापित कर लीं। 1742 ई. तक फ्रांसीसियों का मुख्य उद्देश्य व्यापार करना रहा परन्तु 1742 ई. के पश्चात् वह साम्राज्यवादी दृष्टिकोण अपनाने लगे और डूप्ले के नेतृत्व में फ्रांसीसी शक्ति का अत्यधिक विस्तार हुआ। अन्ततः यही नीति- आंग्ल-फ्रेंच संघर्ष का कारण भी बनी और फ्रांसीसी अधिपत्य पतन की ओर उन्मुख हो गया।
निष्कर्ष - फ्रांसीसी भारत में व्यापार के मुख्य उद्देश्य से आये थे। उन्हें प्रारम्भ में काफी सफलताएँ मिलीं तत्पश्चात् असफलताओं का भी सामना करना पड़ा। इन तमाम उतार-चढ़ावों के बावजूद वे अपना व्यापारिक विस्तार करने में कामयाब रहे। 1742 ई. तक फ्रांसीसी कम्पनी का व्यापारिक क्षेत्र अत्यन्त विस्तृत हो गया और फ्रांसीसी साम्राज्यवादी बनने का प्रयास करने लगे। यहीं से फ्रांसीसी शक्ति का ह्रास होना प्रारम्भ हो गया और अन्ततः अंग्रेजों के साथ संघर्ष के परिणामस्वरूप फ्रांसीसियों को अपने अधिपत्य से हाथ धोना पड़ा।
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- प्रश्न- भारत में सर्वप्रथम प्रवेश करने वाले विदेशी व्यापारी कौन थे? विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में डच शक्ति के आगमन को समझाते हुए डचों के पुर्तगालियों व अंग्रेजों से हुए संघर्षो पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारत में पुर्तगालियों के पतन के कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- फ्रांसीसियों के भारत आगमन एवं भारत में फ्रांसीसी शक्ति के विस्तार को समझाइए।
- प्रश्न- यूरोपीय डच कम्पनी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अंग्रेजों का भारत में किस प्रकार प्रवेश हुआ संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- यूरोपीय फ्रांसीसी कंपनी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- पुर्तगालियों की सफलता के कारण बताइये।
- प्रश्न- पुर्तगालियों के असफलता के कारण बताइये।
- प्रश्न- आंग्ल-फ्रेंच संघर्ष के विषय में बताते हुए इसके मुख्य कारणों पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- "अपनी अन्तिम असफलता के बावजूद भी डूप्ले भारतीय इतिहास का एक प्रतिभावान एवं तेजस्वी व्यक्तित्व है।" क्या आप प्रो. पी. ई. राबर्ट्स के डूप्ले की उपलब्धियों के सम्बन्ध में इस कथन से सहमत हैं?
- प्रश्न- भारत में अंग्रेजों की सफलता के क्या कारण थे?.
- प्रश्न- ईस्ट इंडिया कम्पनी के अधीन भारत में हुए सामाजिक और आर्थिक अभावों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अंग्रेजी कम्पनी के अधीन भारत में सामाजिक एवं धार्मिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- "भारत में फ्राँसीसियों की असफलता का कारण डूप्ले था।' इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारत में साम्राज्य स्थापित करने में अंग्रेजों की सफलता के कारण बताइये।
- प्रश्न- प्लासी के युद्ध के कारण व परिणामों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- बक्सर के युद्ध के कारण व परिणामों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कर्नाटक के युद्ध अंग्रेजों और फ्रांसीसियों की सदियों से परम्परागत शत्रुता का परिणाम थे, विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- द्वितीय कर्नाटक युद्ध के कारणों और परिणामों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- उन महत्त्वपूर्ण कारणों का उल्लेख कीजिए जिनसे भारत में प्रभुत्व स्थापना के संघर्ष में फ्रांसीसियों को पराजय और अंग्रेजों को सफलता मिली।
- प्रश्न- क्लाइव की द्वितीय गवर्नरी में उसके कार्यों की समीक्षा कीजिये।
- प्रश्न- क्लाइव द्वारा बंगाल में द्वैध शासन की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- भारत में लार्ड क्लाइव के कार्यों का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये।
- प्रश्न- "प्रथम अफगान युद्ध भारत के इतिहास में अंग्रेजों की सबसे गम्भीर भूल थी।' समीक्षात्मक मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में आंग्ल- फ्रांसीसी संघर्ष क्या था? इसके महत्त्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- द्वैध शासन व्यवस्था के गुण एवं दोषों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम आंग्ल-अफगान युद्ध के कारणों एवं परिणामों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- बंगाल के कठपुतली नवाबों के कार्यकाल पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- बंगाल के द्वैध शासन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- द्वैध शासन की असफलता के क्या कारण थे?
- प्रश्न- कालकोठरी की दुर्घटना क्या थी?
- प्रश्न- नवाब सिराजुद्दौला के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारत में डच शक्ति के उत्थान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बक्सर का युद्ध (1764) तथा उसके महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लॉर्ड क्लाइव द्वारा किये गये सुधारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 'क्लाइव भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक था। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- इलाहाबाद की सन्धि की प्रमुख शर्तें क्या थीं?
- प्रश्न- प्लासी युद्ध के महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अलीनगर की सन्धि (सन् 1757 ई.) बताइये।
- प्रश्न- सिराजुद्दौला के विरुद्ध अंग्रेजों के मीर जाफर के साथ षड्यंत्र को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्लासी के युद्ध (सन् 1757 ई.) के परिणाम बताइये।
- प्रश्न- राबर्ट क्लाइव के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- बक्सर के युद्ध का महत्त्व बताइये।
- प्रश्न- बंगाल में द्वैध शासन का संक्षिप्त वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- कालकोठरी की दुर्घटना क्या थी?
- प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के सुधारों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वॉरेन हेस्टिंग्ज के अधीन विदेशी सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- 1773 के रेग्युलेटिंग ऐक्ट के गुण-दोष क्या थे?
- प्रश्न- हैदर अली के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रथम आंग्ल मराठा युद्ध के कारणों एवं परिणामों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वॉरेन हेस्टिंग्ज के प्रशासनिक एवं राजस्व सुधारों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के समय नन्दकुमार का क्या मामला था?
- प्रश्न- मराठों के पतन के क्या कारण थे?
- प्रश्न- पानीपत के युद्ध की प्रमुख घटनाएँ क्या थीं?
- प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के समय अवध की बेगमों का क्या मामला था?
- प्रश्न- लार्ड कॉर्नवालिस के सुधारों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- बंगाल की स्थायी भूमि कर व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कार्नवालिस ने वॉरेन हेस्टिंग्ज का कार्य पूर्ण किया। विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- तृतीय मैसूर युद्ध के क्या कारण थे?
- प्रश्न- भूमि कर नीति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- एक साम्राज्य निर्माता के रूप में वेलेजली की भूमिका का मूल्याँकन कीजिए।
- प्रश्न- टीपू और वेलेजली के मध्य चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध की कारणों सहित व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- लार्ड वेलेजली की सहायक सन्धि प्रणाली को समझाते हुए उसके गुण-दोषों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वेलेजली तथा फ्रांसीसियों के बीच सम्बन्धों की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- टीपू सुल्तान की पराजय के कारण बताइए।
- प्रश्न- वेलेजली के अधीन अंग्रेजी साम्राज्य के विस्तार एवं कंपनी के प्रदेश की सीमाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- लार्ड वेलेजली के आगमन के समय भारत की राजनीतिक स्थितियाँ क्या थीं?
- प्रश्न- वेलेजली की सहायक सन्धि की शर्तें क्या थीं?
- प्रश्न- वेलेजली के अवध के साथ सम्बन्ध पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वेलेजली की उपलब्धियों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- ठगी को समाप्त करने के लिए लार्ड विलियम बैंटिक ने कहां तक सफलता प्राप्त की?
- प्रश्न- ब्रिटिश कम्पनी की भारत में आर्थिक एवं शैक्षिक नीति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लॉर्ड विलियम बेंटिक के प्रशासनिक एवं सामाजिक सुधारों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- लार्ड विलियम बैंटिक ने सती प्रथा तथा अन्य क्रूर प्रथाओं को बन्द करने की क्या नीति अपनाई? संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विलियम बैंटिक के समाचार पत्रों के प्रति उदार नीति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विलियम बैंटिक के द्वारा नैतिक तथा बौद्धिक विकास के लिए किये गये शैक्षणिक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बैंटिक के वित्तीय तथा न्यायिक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- लार्ड विलियम बैंटिक के प्रशासनिक एवं न्यायिक सुधारों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ब्रिटिश भारत में स्त्रियों की स्थिति का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत पर ब्रिटिश शासन के सामाजिक प्रभाव का संक्षिप्त उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- अंग्रेजों द्वारा पारित सामाजिक कानून पर निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- 1833 के चार्टर एक्ट पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- लार्ड डलहौजी की 'हड़पनीति से आप क्या समझते हैं? इस नीति से ब्रिटिश साम्राज्यवाद को कैसे प्रोत्साहन मिला?
- प्रश्न- - डलहौजी के द्वारा किए गए रचनात्मक कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लार्ड डलहौजी द्वारा विद्युत तार एवं डाक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- लार्ड डलहौजी द्वारा रेलवे विभाग में क्या सुधार किये गये?
- प्रश्न- लार्ड डलहौजी के प्रशासनिक एवं सैनिक सुधारों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारत के आधुनिकीकरण में लार्ड डलहौजी का योगदान क्या था?
- प्रश्न- लार्ड डलहौजी को शिक्षा सम्बन्धी सुधारों में कहां तक सफलता प्राप्त हुई? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- 1853 के चार्टर एक्ट पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- रणजीत सिंह का परिचय देते हुए अफगानों एवं अंग्रेजों के साथ सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अंग्रेजों और सिक्खों के प्रथम युद्ध के कारण व प्रसिद्ध घटनाओं और परिणामों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- रणजीत सिंह का डोंगरों और नेपालियों से सम्बन्ध को संक्षिप्त में समझाइये |
- प्रश्न- रणजीत सिंह के प्रशासन के अंतर्गत भूमिकर एवं न्याय प्रशासन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- रणजीत सिंह ने सैनिक प्रशासन में कहाँ तक सफलता प्राप्त की? संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिक्खों और अंग्रेजों के सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- हैदराबाद के एक राज्य के रूप में उदय की परिस्थितियों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- हैदराबाद अकस्मात ही विघटनकारी शक्तियों का शिकार हो गया था, विवेचनात्मक उत्तर दीजिये।
- प्रश्न- 1724-1802 तक की हैदराबाद की राजनीतिक गतिविधियों का अवलोकन कीजिये।
- प्रश्न- टीपू की शासन प्रणाली का सविस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मैसूर राज्य का विस्तृत अध्ययन कीजिए।
- प्रश्न- एंग्लो-मैसूर युद्धों का समीक्षात्मक अध्ययन कीजिये।
- प्रश्न- टीपू सुल्तान और मैसूर पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- मैसूर व इतिहास लेखन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- 18वीं सदी में, मैसूर की स्थिति से संक्षिप्त रूप से परिचित कराइये।
- प्रश्न- 1399 ईस्वी से अठारहवीं सदी के मध्य मैसूर राज्य की स्थिति से अवगत कराइये।
- प्रश्न- स्थायी बंदोबस्त से क्या आशय है? लार्ड कार्नवालिस द्वारा स्थायी बंदोबस्त लागू करने के क्या कारण थे?
- प्रश्न- ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर भिन्न-भिन्न कर प्रणाली लगाने का क्या उद्देश्य रहा?
- प्रश्न- स्थायी बंदोबस्त ने किस प्रकार जमींदारी व्यवस्था को जन्म दिया?
- प्रश्न- भारतीय पुनर्जागरण के कारणों, परिणामों एवं विशिष्टताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 19वीं शताब्दी के प्रमुख सामाजिक-धार्मिक आन्दोलनों को बताइये।
- प्रश्न- क्या राजा राममोहन राय को 'आधुनिक भारत का पिता' कहना उचित है?
- प्रश्न- भारतीय सामाजिक तथा धार्मिक पुनर्जागरण में आर्य समाज की देनों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- ब्रह्म समाज के प्रमुख सिद्धान्तों व कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत के सामाजिक-धार्मिक पुनरुत्थान में स्वामी विवेकानन्द के योगदान का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- 19-20वीं सदी के जातिवाद विरोधी आंदोलनों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अहिंसा और सत्याग्रह पर गाँधी जी के विचारों का मूल्याँकन कीजिए।
- प्रश्न- रामकृष्ण परमहंस पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- अछूतोद्धार हेतु भीमराव अम्बेडकर के किए गये कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक भारत में महिलाओं की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- एक शासक के रूप में अशोक के महत्व का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- अस्पृश्यता से आप क्या समझते हैं? इसकी समस्याओं की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय पुनर्जागरण का क्या अर्थ है?
- प्रश्न- ब्रह्म समाज से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- प्रार्थना समाज ने समाज सुधार की दिशा में क्या कार्य किए?
- प्रश्न- ईश्वर चन्द्र विद्यासागर के समाज सुधार में किए गए कार्यों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आर्य समाज की मुख्य शिक्षाएँ व समाज सुधार में किए गए योगदान का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- थियोसोफिकल सोसाइटी पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- स्वामी विवेकानन्द के सामाजिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में 19वीं सदी में हुए विभिन्न सुधारवादी आन्दोलनों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
- प्रश्न- अश्पृश्यता निवारण के लिए महात्मा गाँधी की सेवाओं का मूल्याँकन कीजिए।
- प्रश्न- 20वीं सदी में हुए प्रमुख सामाजिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- समाजवाद पर नेहरू के विचारों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक काल में जाति प्रथा पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- भारतीय समाज पर पड़े दो पाश्चात्य प्रभावों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- नाविक विद्रोह 1946 का महत्व स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- स्वदेशी विचार के विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- होमरूल से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- साम्प्रदायिक निर्णय 1932 ई. की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- दाण्डी यात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- श्री अरविन्द घोष के जीवन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- रामकृष्ण मिशन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चैतन्य महाप्रभु पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- 'पुरुषार्थ आश्रमों के मनोनैतिक आधार हैं। टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- उन्नीसवीं सदीं में सामाजिक जागरण के क्या कारण थे?